urdu poetry in Hindi
October 17, 2016
love Poetry in Hindi, urdu poetry in Hindi
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आज भी इंसानी दुनिया रीत में पुराने हैं कितनी सदियाँ बीत गई,
आनेवाली हजारों हैं जोड़ सकना भी ख़ुदा के हाथ की अब बात नहीं क्या करेगा वो भला भी,
बेवफा हजारों हैं कोई ना बतलाए किसी को, किस तरह से वो जीए जीने के हैं लाखों तरीके, जीनवाले हजारों हैंबातें करने में तो हमसे दुनिया वाले बेहतर हैंराम-राम को रटने वाले रावण यहाँ हजारों हैं